दशहरा के पर्व से न सिर्फ भगवान राम द्धारा रावण के वध किए जाने की कथा प्रचलित है, बल्कि ऐसा भी माना जाता है कि इसी दिन माता दुर्गा ने महिषासुर जैसे दैत्य का भी विनाश किया था। यह पर्व माता दुर्गा और भगवान दोनों का ही महत्व बताता है।
बुराई को खुद से और इस देश से दूर भगाओ
अच्छाई को अपने जीवन में अपनाओ,
रावण को जलाओ और भ्रष्टाचार मिटाओ
प्रगति के पथ पर भारत देश को आगे बढ़ाओ
मोहल्ले से दस रावण, और बीस मेघनाथ वापस आ रहे थे,
बहुत हसी आयी जब वह बोले की दशहरा जला के आ रहे हैं।
ना सह सका जो अपनी बहन का अपमान,
था जिसे चारो वेदो का ज्ञान, भाई कुम्भकरण
और बेटा मेघनाथ, सोचो क्यों नहीं होता उसका सम्मान..।।
जरूरी है अपने जहन में राम को ज़िंदा रखना दोस्तों
पुतले जलाने से कभी रावण नहीं मरा करते..।।
खुशी आप के कदम चूमे, कभी ना हो दुखों का सामना
धन ही धन आए आपके आंगन में,
दशहरा के शुभ अवसर पर हमारी यही है मनोकामना।
विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनायें!
दहन पुतलो का ही नहीं, बुरे विचारो का
भी करना होगा। श्री राम का करके स्मरण,
हर रावण से लड़ना होगा।
खुश हो गया मन, जब देखा रावण दहन,
कब जलेंगे भीतरी रावण, पूछे हैं ये मन।।
अजीब विडंबना हैं,
हर साल रावण जलाने से पहले रावण बनाया जाता हैं।।
सही मायने में वो ही दशहरा मनाएंगे
भीतर के रावण को जो, आग खुद लगाएंगे
हो आपकी जिंदगी में खुशियों का मेला,
कभी न आए कोई झमेला
सदा सुखी रहे आपका बसेरा,
मुबारक हो आपको दशहरा।
रिश्तों में अटूट विश्वास भरकर
प्रेम से दुनिया को है उजागर कराना
इस बार ख़ुशी से मनाएंगे दशहरा क्युकी
श्री राम जैसी मर्यादा को है पुनः लाना।
बुराई का होता है विनाश
दशहरा लाता है उम्मीद की आस
रावण की तरह आपको दुखें का होगा नाश
इस पावन पर्व पर यह है हमारी आशा!
दशहरे का यह पावन त्यौहार,
घर में लाये आपके खुशियां अपार,
आप पर हो सदा खुशियों की बौछार,
ऐसी शुभकामनायें हमारी करो स्वीकार।
आपके जीवन में हो खुशियों का बसेरा
तहे दिल से कह रहा हूं हैप्पी दशहरा!
आज की नई सुबह बेहद सुहानी हो जाए
दुखों की सारी कड़वाहट पुरानी हो जाए
दे बेशुमार खुशियां यह दशहरा आपको
हर प्यारी खुशी आपकी दीवानी हो जाए
अधर्म पर धर्म की जीत, असत्य पर सत्य की जीत
बुराई पर अच्छाई की जीत, पाप पर पुण्य की विजय
अत्याचार पर सदाचार की जीत, क्रोध पर दया, क्षमा की जीत
अज्ञान पर ज्ञान की जीत, रावण पर श्रीराम की जीत
के प्रतीक पावन पर्व, विजयादशमी की हार्दीक शुभकामनायेँ।
बाहर के रावण को जलाने से कुछ नही होगा,
मन के अंदर बैठे रावण को जरूर जलाएँ.
अनुरोध हैं, इस दशहरे इक छोटा-सा काम करें,
मन में जो बैठा है रावण उसका सर्वनाश करें.
एक रावण की खातिर तूने त्रेतायुग में अवतार लिया,
कलयुग में लाखों रावण हैं, कभी ना तूने सार लिया।।
होती जीत सत्य की और असत्य की हार,
यही संदेश देता है दशहरा का त्यौहार!