क्रिसमस, जिसे ‘मसीह का पर्व’ भी कहा जाता है, हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन ईसा मसीह के जन्मदिन का प्रतीक है।क्रिसमस Christmas का दिन प्रतिवर्ष वो दिन होता है जब हम सब मिल कर प्रभु ईसा मसीह (Jesus) के जन्म दिन को बहुत धूम धाम से Celebrate करते हैं। यह त्यौहार पुरे विश्व में मनाया जाता है और इस दिन लगभग सभी देशों में Regional Holiday होते हैं।
यह त्योहार दुनिया भर में एक धार्मिक अवकाश के रूप में और ईसाइयों द्वारा उत्सव के समय के रूप में मनाया जाता है। यह गैर-ईसाइयों द्वारा मौसमी अवकाश के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कार्यालय और अन्य सरकारी और गैर-सरकारी संगठन बंद रहते हैं।
क्रिसमस की तैयारी के मौसम को ‘आगमन’ के रूप में जाना जाता है, और त्योहार से लगभग चार सप्ताह पहले रविवार को शुरू होता है।
क्रिसमस क्यों मनाया जाता है?
क्रिसमस दिवस को नासरत के यीशु के जन्म की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, एक आध्यात्मिक नेता जिनकी शिक्षाएं ईसाई धर्म का आधार बनती हैं।
25 दिसंबर को क्रिसमस के लिए कैसे चुना गया?
ईसाई धर्म के प्रारंभिक वर्षों में, ईस्टर मुख्य अवकाश था; यीशु का जन्म नहीं मनाया गया था। चौथी शताब्दी में, चर्च के अधिकारियों ने यीशु के जन्म को छुट्टी के रूप में मनाने का फैसला किया। हालाँकि, बाइबिल में उनके जन्म की तारीख का उल्लेख नहीं है। कुछ इतिहासकारों के अनुसार यीशु का जन्म वसंत ऋतु में हुआ होगा। पोप जूलियस I ने 25 दिसंबर को चुना। आमतौर पर यह माना जाता है कि चर्च ने इस तारीख को बुतपरस्त सैटर्नलिया त्योहार (शनि के सम्मान में एक छुट्टी, कृषि के देवता) की परंपराओं को अपनाने और अवशोषित करने के प्रयास में चुना था। पहले जन्म का पर्व कहा जाता है, यह प्रथा 432 तक मिस्र और छठी शताब्दी के अंत तक इंग्लैंड में फैल गई।
क्रिसमस की कहानी (Christmas Day Story)
क्रिसमस का दिन जीजस क्रिस्ट का जन्म दिवस माना जाता हैं. इसके बारे में तथ्य बाइबिल में लिखे गए हैं. इनके बारे में कई कहानियाँ कही जाती हैं. तथ्य के अनुसार कहा जाता हैं इनके जन्म के समय गॉड ने मनुष्य को यह संकेत दिए थे कि उनकी रक्षा और उन्हें ज्ञान देने के लिए ईश्वर का एक अंश मसीहा के रूप में आप सभी के बीच जन्म लेने वाला हैं.
जीजस को ही मसीहा कहा जाता हैं, इनकी माँ का नाम मेरी और पिता का नाम जोसेफ था. जब इनका जन्म होने वाला था, तब इनके माता पिता की शादी नहीं हुई थी, इनके पिता एक कारपेंटर थे. इनके जन्म के समय गॉड ने इनके माता पिता को इनके दिव्य होने का संदेशा एक परी के जरिये भिजवाया था और बहुत से ज्ञानी महात्मा लोगो को भी इस बात का पता था, कि ईश्वर का अंश जन्म लेने वाला हैं. इनके जन्म के समय इनके माता पिता एक जंगली इलाके में फंस गये थे, वही कई जानवरों के बीच जीजस का जन्म हुआ था, जिसे देखने कई महान बुद्धिमान लोग आये थे. कहा जाता हैं वह दिन क्रिसमस था.
क्रिसमस ट्री इतिहास (Christmas Tree Celebration History)
क्रिसमस डे सेलिब्रेशन में सबसे ज्यादा महत्व क्रिसमस ट्री का होता है, इसके पीछे भी एक पौराणिक कथा कही जाती है, कि कैसे इस दिन ट्री को सजाया जाने लगा.
क्रिसमस के दिन सदाबहार वृक्ष को सजाकर सेलिब्रेशन किया जाता हैं यह परम्परा जर्मनी से शुरू हुई, जिसमे एक बीमार बच्चे को खुश करने के लिए उसके पिता ने सदाबहार वृक्ष को सुंदर तैयार करके उसे गिफ्ट दिया.इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि जब जीजस का जन्म हुआ, तब ख़ुशी व्यक्त करने के लिए सभी देवताओं ने सदाबहार वृक्ष को सजाया तब ही से इस वृक्ष को क्रिसमस ट्री का प्रतीक समझा जाने लगा और यह परंपरा प्रचलित हो गई.
क्या आप जानते हैं कि पहला सजाया हुआ क्रिसमस ट्री 1510 में रीगा, लातविया में रखा या रखा गया था? जर्मनी में, पहले क्रिसमस ट्री को सेब, जिंजरब्रेड, वेफर्स और मिठाइयों से सजाया गया था। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह के पेड़ों को क्रिसमस ट्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और हर बार वे देवदार के पेड़ नहीं होते। जैसे न्यूजीलैंड में – ‘पोहुताकावा’ पेड़ का प्रयोग किया जाता है और इसमें लाल फूल होते हैं।
क्रिसमस की व्युत्पत्ति
क्रिसमस शब्द दो अंग्रेजी शब्दों ‘क्राइस्ट’ और ‘मास’ से बना है जिसमें ‘क्राइस्ट’ का मतलब ‘क्रिश्चियन’ और ‘मास’ का मतलब ‘लोग’ होता है।
क्रिसमस कैसे मनाया जाता है?
क्रिसमस एक पवित्र धार्मिक अवकाश है और दुनिया भर में वाणिज्यिक और सांस्कृतिक घटना भी है। दुनिया भर के लोग इसे प्रथाओं और परंपराओं के साथ देख रहे हैं जो प्रकृति में धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक दोनों हैं। लोकप्रिय रीति-रिवाजों में उपहारों का आदान-प्रदान, क्रिसमस ट्री को सजाना, चर्च जाना, परिवार और दोस्तों के साथ भोजन साझा करना और निश्चित रूप से सांता क्लॉज के आने की प्रतीक्षा करना शामिल है।
उत्सव की शुरुआत चर्चों की सजावट, चमकदार रोशनी वाले देवदार के पेड़ों, रंगीन रोशनी और यीशु मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में कैरल के गायन के साथ होती है। बाजार रोशनी, स्टॉकिंग्स, ट्री टॉपर्स, कांच के गोले, माला और कई अन्य आकर्षक सामानों से जगमगाते हैं।
कई ईसाई चर्चों में जाकर, प्रार्थना और गायन के साथ क्रिसमस मनाते हैं। गॉस्पेल और स्किट से बाइबल रीडिंग यीशु के जन्म की कहानी बताती है।
इस दिन ईसाई लोग अपने घरों, गलियों, कार्यालयों और चर्चों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं और इसे आनंदमयी बनाते हैं क्योंकि यह त्योहार मौज-मस्ती और आनंद का दिन होता है।
इस मौके पर लोग एक-दूसरे को ‘मेरी क्रिसमस’ की शुभकामनाएं देते हैं। चर्चों और मठों में, लोग विशेष क्रिसमस कैरोल गाते हैं, और प्लम केक इस त्योहार का मुख्य आकर्षण बना रहता है।
क्रिसमस पर परिवार के सदस्यों, दोस्तों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, ग्रीटिंग कार्ड, चॉकलेट, क्रिसमस ट्री, सजावटी चीजें आदि उपहार में देने की परंपरा है।
क्रिसमस की पूर्व संध्या कैसे मनाई जाती है?
24 दिसंबर की शाम को क्रिसमस की पूर्व संध्या या क्रिसमस की शाम कहा जाता है। शाम में पारिवारिक सभाएँ और चर्च में मध्यरात्रि सामूहिक कार्यक्रम शामिल होते हैं, जो यीशु मसीह के जन्मदिन के उत्सव के शुरू होने से ठीक पहले होते हैं। मध्यरात्रि मास को कई परंपराओं में क्रिसमस के मौसम की सबसे महत्वपूर्ण चर्च सेवा माना जाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या वह दिन है जब लोगों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान होता है। दुनिया के कई हिस्सों में, क्रिसमस की पूर्व संध्या को उस दिन के रूप में देखा जाता है जब लोग अपने क्रिसमस ट्री खरीदते हैं, जिन्हें क्रिसमस दिवस के लिए समय पर सजाया जाता है।
कैरल गायन क्रिसमस की पूर्व संध्या पर मध्यरात्रि के लोगों का एक प्रमुख हिस्सा है। लोग शाम के लिए अभ्यास करते हुए दिन बिताते हैं। कैरल 24 दिसंबर की रात को मिडनाइट मास कम्युनियन सर्विस का हिस्सा है। क्रिसमस कैरल केवल चर्चों में ही आयोजित नहीं किए जाते हैं, लेकिन कुछ देशों में लोग गायकों के समूहों को बुलाते हैं जो घर-घर या सार्वजनिक समारोहों में कैरल गाते हैं।
सांता क्लॉस की उत्पत्ति?
सांता क्लॉज़ की कथा का पता सेंट निकोलस नामक एक भिक्षु से लगाया जा सकता है, जो तुर्की में 280 ईस्वी के आसपास पैदा हुआ था। सेंट निकोलस ने अपनी सारी विरासत में मिली संपत्ति को दे दिया और गरीबों और बीमारों की मदद करने के लिए ग्रामीण इलाकों की यात्रा की, बच्चों और नाविकों के रक्षक के रूप में जाना जाने लगा।
सेंट निकोलस ने पहली बार 18 वीं शताब्दी के अंत में न्यूयॉर्क में अमेरिकी लोकप्रिय संस्कृति में प्रवेश किया, जब डच परिवार “सिंट निकोलास” (सेंट निकोलस के लिए डच), या “सिंटर क्लास” की मृत्यु की सालगिरह का सम्मान करने के लिए एकत्र हुए। “सांता क्लॉज़” इस संक्षिप्त नाम से अपना नाम लेता है।
क्रिसमस की रात बच्चों को सांता क्लॉज द्वारा उपहार बांटने की सदियों पुरानी परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि सांता या फादर क्रिसमस रात में हर घर में आकर उपहार देते थे। बच्चे अपनी इच्छाएँ लिखते हैं और उसे स्टॉकिंग्स में डालते हैं और इस उम्मीद में लटका देते हैं कि सांता उनकी इच्छाओं को पूरा करेगा
देवदूत बनके कोई आएगा,
सारी आशाएं तुम्हारी, पूरी करके जायेगे,
क्रिसमस के इस शुभ दिन पर,
तौफे खुशियों के दे जायेगा
देवदूत बनके कोई आएगा,
सारी आशाएं तुम्हारी, पूरी करके जायेगे,
क्रिसमस के इस शुभ दिन पर,
तौफे खुशियों के दे जायेगा
सबके दिलों में हो सके लिए प्यार,
आने वाला हर दिन लाये खुशियों का त्यौहार,
इस उम्मीद के साथ आओ भूल के सारे गम,
क्रिसमस में हम सब करें Welcome
क्रिसमस का यह त्योहार जीवन में लाए खुशियां अपार, सैंटा क्लाउज़ आए आपके द्वार क्रिसमस की शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार।
सांता क्लॉस कहाँ रहता है?
इसा मन जाता कि सांता क्लॉज अपनी पत्नी के साथ उत्तरी ध्रुव पर रहते हैं।
वहां वह अपने कल्पित बौने की मदद से खिलौने बनाने में साल बिताता है और बच्चों से क्रिसमस के उपहार मांगने के लिए कई पत्र प्राप्त करता है।
सांता क्लॉस कौन है?
सांता क्लॉज़ एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य देशों में क्रिसमस के पारंपरिक संरक्षक हैं।
वह बच्चों के लिए उपहार लाता है
उनकी लोकप्रिय छवि संत निकोलस से जुड़ी परंपराओं पर आधारित है जो चौथी शताब्दी में एक ईसाई संत थे।