करता करे न कर सके, शिव करे सो होय,
तीन लोक नौ खंड में,
महाकाल से बड़ा न कोई !
रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन
ये और बात कि मौसम यही नुमू का है
– जुनैद हज़ीं लारी
हेसियत मेरी छोटी है पर मन मेरा शिवाला है
करम तो मैं करता जाऊंगा
क्योकि
साथ मेरे डमरूवाला है|
ॐ नमः शिवाय
सावन एक महीने ‘क़ैसर’ आँसू जीवन भर
इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे
– क़ैसर-उल जाफ़री
अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई- गोपालदास नीरज
कल तिरे एहसास की बारिश तले
मेरा सूना-पन नहाया देर तक- नीना सहर
Sawan men mile ye Saat, Shiv ka ashirvaad, Shiv ki bhakti, Shiv sa sahas, Shiv ka tyag, Shiv ka Saath, Shiv sa tapobal, Shiv sa Shaan, Jai Shiv Shambhu!
पतझड़ दिया था वक़्त ने सौगात में मुझे
मैने वक़्त की जेब से ‘सावन’ चुरा लिया
– अज्ञात
Om me hi astha, Om me hi vishwas, Aap sab ko khush rakhe, Bhagavan bholenath!
जितना हँसा था उससे ज़्यादा उदास हूँ
आँखों को इन्तज़ार ने सावन बना दिया
– अज्ञात
क़दम क़दम पर सिसकी और क़दम क़दम पर आहें;
खिजाँ की बात न पूछो सावन ने भी तड़पाया मुझे
– अज्ञात