उत्तर-पूर्व भारत: अपूर्व पर्यटन स्थलों का स्वर्ग

पूर्व भारत विश्वास और आकर्षण का केंद्र है, जहां सभ्यता, साहित्य, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य एक साथ मिलते हैं। उत्तर-पूर्व भारत के पर्यटन स्थल खूबसूरती और आकर्षण से भरे हुए हैं। यहां हम उत्तर-पूर्व भारत के कुछ अपूर्व पर्यटन स्थलों के बारे में चर्चा करेंगे:

दर्जीलिंग: दर्जीलिंग एक मशहूर पहाड़ी स्थल है जो अपनी चाय बागानों, भूलभुलैयां, गोंगा पहाड़ी रेलवे और बाल्टिक झील के लिए प्रसिद्ध है। इसकी प्राकृतिक सौंदर्यता और हिमालयी दृश्य यहां आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

काजीरंगा नेशनल पार्क: यह उत्तर-पूर्व भारत में स्थित एक प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य है और एशिया का एकमात्र भालू संरक्षण क्षेत्र है। इसमें आपको वन्यजीवों की विविधता, घासी और बांधवगढ़ झीलों की सुंदरता, और उत्तर-पूर्वी भारत की अनोखी प्रकृति का आनंद लेने का अवसर मिलेगा।

गुवाहाटी: असम की राजधानी गुवाहाटी पूर्वी भारत में एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहां प्राकृतिक आदर्श, पुरातात्विक स्थल, विशाल नदियाँ और मन्दिर स्थलों की विविधता है। कामख्या मंदिर, उमानंदा देवालय, सराया दोल, नेहरू पार्क और पुराणी दिल्ली बाजार कुछ मुख्य आकर्षण हैं।

मेघालय: मेघालय एक प्राकृतिक सौंदर्य की अद्वितीय जगह है, जहां आप चरम स्वर्गीय सुंदरता, घुमावदार गुफाएँ, आदिवासी संस्कृति और बारिश के बादलों की खुशबू का आनंद ले सकते हैं। चेरापूंजी की बारिश, मावलीङ बाजार, दावक और शिलॉंग के झीलें कुछ आदर्श स्थल हैं।

पूर्वोत्तरी नगर: पूर्वोत्तरी नगर, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी, प्राकृतिक सौंदर्य का आदर्श स्थल है। यहां प्राकृतिक आदर्श, पहाड़ों की चोटियों, नदियों, बांधों और धर्मिक स्थलों की खासी विविधताताओ बांध, इटानगर का गवर्नर हाउस, तावांग, नेदियांग और बोम्डिल झीलें कुछ प्रमुख आकर्षण हैं।

यह सिर्फ़ कुछ पर्यटन स्थलों की एक छोटी सी सूची है जो उत्तर-पूर्व भारत में उपलब्ध हैं। इन स्थलों पर यात्रा करके आप प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं, स्थानीय संस्कृति से परिचित हो सकते हैं और अपने यात्रा को यादगार बना सकते हैं। उत्तर-पूर्व भारत पर्यटन के लिए वास्तविक एक स्वर्ग है, जहां आपको अपूर्व अनुभवों की गारंटी है।

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